4.चलो चलें अब झील पर...
टांग दे बस्ता कील पर ।
चलो चलें अब झाल पर
पकडें मछली बंसी डाल
सीपी-घोंघे रखें संभाल
नजर रहे पर, चील पर ।
जा बैठें फिर नाव में
घूमें पानी के गाँव में
नाविक काका की अपील पर ।
उतरे विदेशी पक्षी पहुना
खुश हैं कितने उमंग दुगुना ।
घर से सैकडों मील पर ।
00
Wednesday, January 11, 2006
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment