अन्न-पूजा
जो खेत नहीं जोत सकते
जो बीज नहीं बो सकते
जो रतजगा नहीं कर सकते
जो खलिहान की उदासी नहीं देख सकते
उनकी थालियों के इर्द-गिर्द
अगर
महक रहा है अन्न
तो यह
उनकी चुकायी क़ीमत की बदौलत नहीं
सिर्फ़ एक उसकी कृपा है
जो अन्न की पूजा करता है
जो खेत नहीं जोत सकते
जो बीज नहीं बो सकते
जो रतजगा नहीं कर सकते
जो खलिहान की उदासी नहीं देख सकते
उनकी थालियों के इर्द-गिर्द
अगर
महक रहा है अन्न
तो यह
उनकी चुकायी क़ीमत की बदौलत नहीं
सिर्फ़ एक उसकी कृपा है
जो अन्न की पूजा करता है
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