Monday, October 15, 2007

दुनिया में हिंदी-रस घोलता रेडियो यानी सलाम नमस्ते

वेब-भूमि-8
लगता है सचमुच रेडियो की वापसी होने वाली है । भारत में भले ही यह अभी बहुत दूर है किन्तु पश्चिमी-दुनिया में रेडियो की वापसी तेजी से हो रही है । इंटरनेट के कारण रेडियो भी वैश्विक होने लगे हैं । सुखद तो यह कि इसमें भारतीय बढ़ चढकर योगदान दे रहे हैं । मैं बात कर रहा हूँ रेडियो सलाम नमस्ते की जो सारे विश्व को हिंदी के सातों रस में घोलने लगा है । अमेरिका की डलास शहर से इसे सच कर दिखाया है – चालीस वर्षीय युवा अहिंदीभाषी जयपाल रेड्डी ने । वैसे तो यह यू.एस.ए का पहला एफ एम (104.9)रेडियो स्टेशन है जो सातों दिन चौबीस घटों अपने प्रसारण के लिए चर्चित है किन्तु इंटरनेट के कारण यह समूचे विश्व में चर्चित होने लगा है । इसके सारे कार्यक्रम संपन्न भारतीय दृष्टि से प्रसारित किये जाते हैं । आखिर ऐसे रेडियो प्रसारण को दुनिया भर में प्रतिसाद न क्योंकर मिले ! प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम् - चलिए और लॉग ऑन करके सुन लीजिए- www.radiosalaamnamaste.com/

रेडियो सलाम नमस्ते भाषायी विविधता को प्रोत्साहित करने वाला प्रतिष्टान है । इस मायने में वह पश्चिम की भाषायी वर्चस्ववाद का जबाब भी है । यहाँ हम हिंदी के अलावा तीन भाषाओं का आस्वाद ले सकते हैं । भविष्य में यहाँ से कई भाषाओं में प्रसारण की योजना बनायी जा रही है । कविताजंलि(प्रस्तोता- नंदलाल सिंह और आदित्यप्रकाश सिंह), गुलदस्ता, चलते-चलते(नीलम), एक गरम चाय की प्याली(अंबरीन), चाँदनी रातें(रोहित), ज़िंदगी का सफ़र (गिरीश कल्याणपुरी) आपकी सेहत(डॉ. हैदर) ऐसे लोकप्रिय कार्यक्रम हैं जिनकी प्रतीक्षा बड़ी बेसब्री से देश-विदेश के श्रोता करते हैं । शेष समय यह मनोरंजनात्मक हो जाता है । इसका भी एक कारण है - पश्चिम दुनिया में रहने वाली भारतीयों की नयी पीढ़ी हिंदी फिल्मों के बारे में जानने को अधिक उत्सुक रहता है । रेडियो सलाम नमस्ते में नये-पुराने गानों की बरसात होती रहती है । लगता है मनभावन फुहारें है मानसून की । प्रतिदिन मध्यान्ह 1.30 से 2 बजे तक समाचार प्रसारित किये जाते हैं । रेडियो सलाम नमस्ते को एक पूर्ण भारतीय रेडियो कहा जाना अनुचित नहीं होगा । क्योंकि विज्ञापन भी हिदीं में प्रसारित किया जाता है । यहाँ अन्य भारतीय भाषाओं से कोई टकराव या दुराव नहीं है बल्कि समय-समय पर पंजाबी, गुजराती आदि भाषा में भी प्रसारण किया जाता है। शायद यही कारण है कि अमेरिका का हर प्रवासी भारतीय इन रेडियो सलाम नमस्ते को दिल से सुनता है । यहाँ भारत में भी ऐसा कोई रेडियो नहीं है जो रात दिन इस तरह प्रसारण करता हो । और वह भी हिंदी में । रेडियो सलाम नमस्ते को आप लगातार सुनें तो निश्चित ही युवाओं पर संस्कृतिभ्रष्टता का आरोप लगाना भूल जायेंगे । इस रेडियो के लगभग सारी टीम सतर्क और समर्पित युवाओं की है । चाहे आप इसके दोनों वाइस प्रेजीडेंट्स को लें जिन्हें हम मोहम्मद अब्बास या अम्बरीन हसनात के नाम से जान सकते हैं । एक और प्रतिभा मोनिका शर्मा का नाम लिये बिना रेडियो सलाम नमस्ते की कहानी पूरी नहीं हो सकती । वे रेडियो पत्रिका का सम्पादन करती हैं । यह पत्रिका पूरी तरह मुफ़्त वितरित की जाती है । वे इसके साथ-साथ हैलो डलास कार्यक्रम का कुशल संचालन भी करतीं हैं । सीता की वापसी कराने वाली राम की सेना के सेनापति की तरह जुटे रहते हैं वे दोनों । सच तो ही है हिंदी की सीता इन दिनों रावण के राज्य में ही तो निर्वासित है ।

वैसे तो सारे के सारे कार्यक्रम एक आदर्श रेडियो श्रोता को बाँधे रखने में सफल हैं किन्तु जहाँ तक कवितांजलि नामक कार्यक्रम की बात है उसकी जितनी प्रशंसा की जाय उतनी कम है । यदि आप वास्तव में एक अच्छे कवि हैं तो मान कर चलिए आपके पास कभी भी हिंदीसेवी आदित्यप्रकाश सिंह का कभी भी डलास से सीधा फोन आ सकता है । उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप भारत के किसी गाँव में रहते हैं या फिर पाकिस्तान में रहते हैं । इस वैश्विक रेडियो से कविता प्रसारण होने का गौरव तो मिलेगा ही बतरस का आनंद अलग से उपलब्ध करायेगें सिंह साहब। पर आपमें यदि थोड़ा-सा भी उच्चारण दोष है तो आप बच नहीं पायेंगे उनकी पारखी नज़रों से । इतने सतर्क रहते हैं जैसा भाषाविज्ञानी रहता है । हो भी क्यों ना, उनका बचपन जो गोपाल सिंह नेपाली के सानिध्य में गुजरा है।
चलते-चलते-
माल्लपुरम् (केरल) भारत का पहला ई-जिला बन चुका है । केरल सरकार ने राज्य के एक पिछड़े जिले में विश्व के सबसे बड़े ग्रामीण वायरलेस ब्रॉडबैण्ड सेवा की स्थापना कर उसे भारत का पहला ई-साक्षर जिला में परिणत कर दिया है। इसके द्वारा लोग ई-मेल के माध्यम से अपना बिजली जमा कर सकते तथा जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह के बिल के ई-भुगतान के लिए भारतीय स्टेट बैंक को नियुक्त किया गया है। साथ ही, जिले में स्थित पुलिस केन्द्र तक अक्षय केन्द्र या सूचना कियोस्क से ई-मेल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज़ करा सकते हैं।

3 comments:

Dr Prabhat Tandon said...

मै भी इधर कुछ दिनों से यह F.M. चैनल सुन रहा हूँ , कार्यक्रमों कीव िविधिता सुनने वलों को बरबस अपनी तरफ़ खींचॆ रखी रहती है , इसमे कोई सन्देह नही है ।

Anonymous said...

www.sunriseradio.com/

Dr Prabhat Tandon said...

आपने जो लिंक दिया है उसको दोबारा चेक करें , सही लिंक है :

http://www.radiosalaamnamaste.com/