अपने बारे में :- हिन्दी के प्रजातंत्र का एक अदना-सा सिपाही । हिन्दी से लेता है। हिन्दी को हिन्दी में लौटाता है । उसका अपना क्या है ? जो भी है, हिन्दी का है ।
वाह जयप्रकाश जी आपके विचार तो पढ़ने को मिलते ही रहते थे। ब्लाग पर आपके चित्र देख कर आनंद आया।
अच्छा लगा। फ़्लैश फ़ाइल का आकार नियोजित कर लें तो आपका side bar,Posts के बराबर में आ जायेगा।
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2 comments:
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